पेट्रोल कैसे बनता है ? भारत में पेट्रोल कहां से आता है.
हैलो दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे इस वेबसाइट vikramsaw.com पर, दोस्तों आज के इस पोस्ट पेट्रोल कैसे बनता है ? भारत में पेट्रोल कहां से आता है ? में हम बात करेंगे कि हम जो अपने दैनिक जीवन में ईंधनों का उपयोग करते है जिसके बिना आवागमन दुर्लभ सा हो जायेगा,मानो संसार की गति रुकसी जायेगी.
जैसे पेट्रोल,डीजल,केरोसीन आदि ये पेट्रोलियम पदार्थ कहां से आता है,पेट्रोल कैसे बनता है और ये ईंधन जैसे (पेट्रोल कैसे बनता है, डीजल कैसे बनता है) और अगर ये हमारे देश से पुर्ति नहीं होती तो हमारे देश भारत में पेट्रोल कहां से आता है तो आज के इस पोस्ट में हम इन्ही सब विषयों पर चर्चा करेंगे तो चलिए शुरू करते हैं-
पेट्रोल कैसे बनता है-
दोस्तों आपके मन में कभी ये ख्याल आया होगा कि हम जो गाड़ी चलाने के लिये जो ईंधन पेट्रोल,डीजल डलवाते है वो आता कहाँ से है आखिर कैसे पेट्रोल कैसे बनता है, पेट्रोल और डीजल तो दोस्तों जैसा कि आप इतना तो जानते ही होंगे की हमें ये पेट्रोलियम पदार्थ (पेट्रोल,डीजल) जमीन की गहराई से प्राप्त होती है.
जोकि बड़ी-बड़ी मशीनरी से खुदाई कर प्राप्त की जाती है लेकिन ऐसा नही है कि पेट्रोल और डीजल सीधे जमीन से खोदकर निकाल लिया जाता है ऐसे में ये अपने शुद्ध रूप में नहीं होता बल्कि इनके साथ काफ्ही तरल पदार्थो का मिश्रण होता है जिसे पेट्रोलियम से पेट्रोल पृथक्करण की विधि द्वारा अलग कर लिया जाता है-
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पेट्रोलियम क्या है-
हमें जो खुदाई से जमीन से ईंधन निकलता है वो हमें काले और गाढ़े तरल पदार्थ से निकलता है जिसे पेट्रोलियम कहा जाता है. आसान भाषा में कहा जाये तो वास्तव में पेट्रोलियम लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ” चट्टानों से निकलने वाला तेल ” पेट्रोलियम जमीन के अंदर से निकाला जाता है पेट्रोलियम के कुअें होते है जिनमें से कच्चा तेल जिसे Crud Oil कहा जाता है निकाला जाता हैं.
कच्चे तेल से पेट्रोल का निर्माण कैसे होता है-
इस तेल में पेट्रोल,नेफ्थ,केरोसीन,डीजल,मोम,पिच आदि चीजे होती है कच्चे तेल को साफ करने के लिये बड़े-बड़े कारखानों में लाया जाता है | इन कारखानों को पेट्रोल रिफाईनरीज कहते है इन कारखानों में कच्चे तेल को बडे-बड़े बेलनाकार बर्तनों में डालकर गर्म करा जाता है अलग-अलग तापमान पर गर्म करने पर कच्चे तेल में उपस्थित चीजेें अलग-अलग पाईपों द्वारा अलग कर ली जाती है इस प्रकार पेट्रोलियम का एक हिस्सा पेट्रोल के रुप में प्राप्त होता है.
पेट्रोल बनाने का तरीका-
पेट्रोल बनाने के लिये एक विशेष पद्धति होती है पेट्रोल और डीजल की मेनुफेक्चरिंग Distillation की तरीके से प्राप्त की जाती है जो इनकी कीमत पर बहुत बड़ा असर करती है आपको बता दे कि पेट्रोल और डीजल की कीमत फिक्स नहीं होती हर देशों में उनकी कीमत भिन्न-भिन्न होती है और इनकी कीमत बदलती रहती है.
जैसे भारत में आज की तारीख में पेट्रोल कीमत 87 रुपये से अधिक है तो हो सकता है दुबई और सउदी अरब में इसकी कीमत सिर्फ 10 रुपये हो क्योंकि जिस देश में Crud Oil यानि कच्चे तेल के कुअें की मात्रा बहुत ज्यादा होती हैं जहां से पेट्रोलियम निकाला जा सकता है.
उन देशों में पेट्रोल की कीमत बहुत सस्ती होती है और जिन देशों में कच्चा तेल नहीं पाया जाता उन देशों को दूसरें देशों से कच्चा तेल इम्पोर्ट करना पड़ता है उसके बाद Refining Distillation उसका खर्च देना पड़ता है जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमत उन देशों में बढ़ जाती है
Crud Oil ( कच्चा तेल ) क्या है-
सबसे बड़ी बात यह है कि पेट्रोलियम जिसे हम कच्चा तेल कहते है वो आखिर कहां से आता है आज से कई हजार साल पहले जब पृथ्वी पर विनाश हुआ था, तबाही मचा था तब कई पेड़-पौधे और जीव-जन्तु इस धरती के अंदर दब गये थे इसके बाद कई हजारों साल तक वो धरती के अंदर ही दबे रहे और जब वह पुरी तरीके से विघटित हो गये Dicompass हो गये तो उनसे धीरे-धीरे कच्चे तेल का निर्माण हुआ.
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petrol kaise banaya jata hai यानि पेट्रोल कैसे बनता है-
एक बड़ा ही दिलचस्प विषय है कि आख़िरकार पेट्रोल कैसे बनता है ? तो आपकी जानकारी के लिये बता दें कि हजारों लाखों साल पहले पेंड़-पौधे और जानवर धरती के उथल-पुथल के कारण धरती के अंदर समा गये जिससे अत्यंत दबाव और गर्मी के कारण ये मृत-पौधे और जानवर पेट्रोलियम में बदल गये फिर मनुष्य ने कई वर्षो बाद समुंद्र के अंदर पेट्रोलियम पदार्थो के ऐसे भंडारों का पता लगाया.
और समुद्र के चट्टानों से इन काले तरल पदार्थो को निकालना शुरु किया अब ऐसा नहीं है कि इस पृथ्वी पर कच्चा तेल कहीं पर भी मिल जाता है सिर्फ कुछ जगह ऐसी है हमारी इस पृथ्वी पर जहां पर कच्चा तेल पाया जाता है और इस कच्चे तेल की वजह से ही पेट्रोल,डीजल,केरोसीन,मोम जैसी चीज बनाई जाती है.
petrol kaise banta hai-
पेट्रोल कैसे बनता है ? देखा जाये तो कच्चा तेल जमीन और समुद्र दोनों में पाया जाता है और समुद्र से कच्चा तेल निकालने के लिये समुद्र के उपर एक Floating Refinery बनाई जाती है जब इस रिफाईनरी को किसी एक जगह कच्चे तेल का भंडार स्त्रोत मिल जाता है तब उस तैरती हुई रिफाईनरी को आस-पास की समुद्री चट्टानों से मजबुती से बांध दिया जाता है ताकि वह ईधर-उधर न हिले.
- इसके बाद समुद्र के अंदर खुदाई की जाती है यह बिल्कुल ऐसा ही तरीका है जैसे आप अपने घरों में बोरिंग करवाते हैं लेकिन इसकी बोरिंग की खुदाई की अपेक्षा कच्चे तेल की खुदाई की गहराई कई हजार फीट तक होती है इसकी खुदाई तब तक की जाती है जब तक कच्चा तेल नहीं मिल जाता जैसे ही कच्चे तेल का भंडार मिल जाता है उसके बाद पाईप और पम्प की मदद से उसे उस तैरती हुई रफाईनरी तक पहुंचा दिया जाता है.
- वैसे आपको बता दे समुद्र में कुछ ही ऐसी जगह मौजुद है जहां तैरती हुई रिफाईनरी मौजुद है समुद्र के अलावा पृथ्वी में ऐसे कई जगह है जहां कच्चे तेल का भंडार मौजुद है और यहां पर भी ड्रिलिंग करके कच्चे तेल को निकाला जाता है जब कच्चा तेल पूरी तरीके से निकल जाता है.
- इसके बाद इसे बड़ी-बड़ी रिफाईनरी में भेजा जाता है जहां पर कच्चे तेल का Distillation Crude Oil प्रोसेस शुरु होता है और इसी प्रोसेस की मदद से पेट्रोल,डीजल,मोम,केरोसीन जैसी चीजें बाहर निकल कर आती है.
- देखा जाये तो हर तरल पदार्थ का एक ब्वाइलिंग प्वांइट होता है जैसे पानी का ब्वाइलिंग प्वांइट 100 डिग्री सेल्सियस होता है ठीक इसी तरह कच्चे तेल का ब्वाइलिंग प्वांइट निर्धारित है लेकिन कच्चे तेल को अलग-अलग तापमान पर उबाला जाता है जैसे-जैसे कच्चा तेल उबलता है वो vaporize होने लगता है जिसका अर्थ है किसी वस्तु का भाप बन जाना,वाष्पीकृत होना और अलग अलग तापमान पर अलग-अलग चीजें हासिल होने लगती है.
- जैसे कि कच्चे तेल को 260 डिग्री सेल्सियस तापमान पर उबाला जाता है तो उससे डीजल मिलता है.
180 डिग्री सेल्सियस में हमें मिट्टी का तेल यानि केरोसीन प्राप्त होता है.
110 डिग्री सेल्सियस में हमें पेट्रोल प्राप्त होता है जो आज के समय में हमारे लिये बहुत जरुरी है.
ठीक इसी तरह कच्चे तेल के Distillation से और भी कई चीजें प्राप्त होती है जैसे- मोम,पैराफीन वैक्स,ग्लिसरीन,डामर,और भी इस तरह की कई चीज हमें सिर्फ कच्चे तेल से प्राप्त होती है.
तो दोस्तों आज आप समझ ही गये होगें कि पेट्रोल कुछ इस तरीके से बनता है Distillation प्रोसेस से जब पेट्रोल को निकाला जाता है.
भारत में पेट्रोल कहां से आता है ? और पेट्रोल की कीमत अलग-अलग क्यों हैं
जब पेट्रोल को निकाला जाता है उसके बाद बारी आती है इसे ट्रांसपोर्ट करने की इसके लिये बकायदा लैब टेस्टिंग की जाती है कि ये कितने ऑक्टेन का पेट्रोल है उसके बाद इसे अलग-अलग पेट्रोल पंप में भेज दिया जाता है, जितने ज्यादा ऑक्टेन का पेट्रोल होता है उतनी ज्यादा उर्जा और गुणवत्ता उस पेट्रोल से मिलती है.
पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर दुनिया भर में देश की सरकार उसपर अलग अलग टैक्स स्टैक्चर पर काम करती है जिसकी वजह से इनके दाम कई गुना बढ़ जाते है जितना टैक्स एक सरकार लगाती है उतना ज्यादा टैक्स अधिभार के रुप में बढ़ जाता है उन देशों की पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर दोस्तों आप समझ गये होगें कि हमें पेट्रोल डीजल किस तरह से प्राप्त होता है लेकिन आप भी जानते है पेट्रोल ,डीजल एक बार इस्तेमाल होने वाली चीज है इसे दोबारा रिसायकल नहीं किया जा सकता.
और आने वाले समय में जैसे-जैसे इसकी सप्लाई कम होती जायेगी पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते जायेगें.
देखा जाये तो एक ही विकल्प है इसका अगर हम इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करने लगे तो ही संभव है कि हम पेट्रोल डीजल पर अपनी निर्भरता को कम कर पायेगें और इससे प्रदुषण भी कम होगा और दाम भी कम हो जायेगें पर वो वक्त कब आयेंगा ये हम कह नही सकते.
पेट्रोल और डीजल की कीमत क्यों बढ़ रही है-
एक्सपर्ट रिसोर्स की मानें तो आज की तारीख में धरती के अंदर तेल मौजुद है अगर हम बात करें कि बड़े तेल कि कुओं की ओंर हम जिस गति से तेल का उपयोग कर रहे है आज की करेंट दर अगर इस गति से हम इस्तेमाल करते रहें तो आने वाले समय में 40 साल के अंदर सारे के सारे तेल रिजर्व डिप्लीट होते जायेंगें, खत्म हो जायेगें धरती के अंदर कोई भी पेट्रोल,डीजल नहीं बचेगा.
अब बात करते है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत क्यों बढ़ रही है तो आपको बता दे एक आंकड़े के अनुसार-सन् 1990 में भारत में पेट्रोल की कीमत लगभग 12.23 रुपये थी जबकि सन् 2000 में 25.94 और 2010 में 47.43 रुपये पहुंच गई और आज 2021 में पेट्रोल के दाम 91 के पार पहंच गई है यानि कि हर 10 सालों में इनकी कीमल लगभग दोगुनी हो जाती है और इस हिसाब से अगर देखे तो 2030 में इनकी कीमत 150 के पार पहुंच जायेगा जो कि 2040 में 300 के पार तक पहुंच सकती है.
और जैसे-जैसे पेट्रोल-डीजल और पेट्रोलियम पदार्थो की मात्रा धरती से कम होती जायेगी इसकी वैल्यु (कीमत) लगातार बढ़ती जायेगी आज की तारीख में हमारी दुनिया पेट्रोल-डीजल पर ही निर्भर है कम से कम आज की तारीख में सब्जी,भाजी तेल जितनी भी चीजें है उनको बड़े-बड़े ट्रकों में लोड करके एक राज्य से दूसरे राज्य भेजा और लाया जाता है इसके लिये सबसे जरुरी चीज है ईंधन जो हमारी धरती पर बहुत ही सीमित है.
लेकिन आप भी जानते हैं बिना ईंधन की कोई भी गाडियां आज के समय में नहीं चल सकती और जब ईंधन के दाम आसमान छूने लगते है जैसा कि आज के समय में हो रहा है ईंधन की कीमतों के साथ-साथ हर चीज महंगी होती जाती है मंहगाई बढ़ती जाती है लेकिन आज के समय हम इसी रिसोर्सस पर पूरी तरीके से निर्भर है पेट्रोल और डीजल Non-Renewable Resources of Energy है.
यानिकि एक बार इसे इस्तेमाल करने के बाद इसे रिसाईकल कर दुबारा नहीं बनाया जा सकता और यही वजह है कि ज्यादा डिमांड होने की वजह से और सप्लाई कम होने की वजह से इनकी दामों में लगातार बढोत्तरी हो रही है. पेट्रोल और डीजल महंगा होने का एक और मुख्य कारण है वह है इनकी मेनुफेक्चरिंग (इन्हें बनाने के तरीके) क्योकि कच्चे तेल से पेट्रोल बनाने में बड़ी-बड़ी मशीनरी का उपयोग किया जाता है जिसका खर्च भी बहुत अधिक होता है.
तो आज के इस पोस्ट में आप समझ ही गये होंगे कि पेट्रोल कैसे बनता है ? भारत में पेट्रोल कहां से आता है, पेट्रोल की कीमत अलग-अलग क्यों हैं,Crud Oil ( कच्चा तेल ) क्या है, कच्चे तेल से पेट्रोल पेट्रोल बनाने का तरीका आशा करता हूं ये पोस्ट आप सबको सही जानकारी देने में कामबाय हुआ होगा अगर हुआ तो इस पोस्ट को अपने तक ही सीमित न रखें इस विडियों का शेयर करे Facebook और Whatapp पर- इस पोस्ट को पढने के लिये आप सब का दिल से धन्यवाद..
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